true words
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हार गया अपने जीवन से ।
लड़ने बाला एक किसान।
आसमान मे खो जायेगी
उसकी मेहनत की पहचान।
रोटी के हित तन घिसता था।
समस्याओं मे मन पिसता था।
किससे कहे ना कोई सुनता।
ईश्वर से ही एक रिश्ता था।
पर किस्मत उससे रूठ गयी।
बे मौसम आया तूफान।
हार गया अपने जीवन से ।
लड़ने बाला बाला एक किसान।
मरता नही तो फिर क्या करता?
मजबूर गरीबी से था ड़रता।
भूखे बच्चे कैसे रखता ।
खुद चाहे भूखा ही रहता।
कितनों की ये पीड़ा है ?
कितनों से हम हैं अनजान ?
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