true words
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तुझमे और मेरे खुदा मे अंतर क्या है
तू भी नही दिखती बो भी नही दिखता।
इश्क मे रोऊँ या रोऊँ इबादत मे
तू भी नही सुनती बो भी नही सुनता।
एहसास मैं तेरा करूँ, करता हूँ मैं उसका
तू किस्मत नही बनती बो किस्मत में नही लिखता।
पूँछू मैं जो तेरा घर,खोजूँ उसका जो पता
मौला रूह मे ही है अब तू भी वहाँ बसता।
करेगी तू सितम कब तक सुनेगा कब मेरी रब्वा
तुम्हारी है मेरी साँसे खिलाफत कर नही सकता।
मुझे मंजूर है ये गम मिले है जो बफाओं मे
रहेगी तू मेरी मंजिल मिले या ना मिले रस्ता।
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