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तू कर गय़ी मुझसे एक अधूरा प्यार।
तूने लूट लिया एक और संसार।
सूरत पर तेरी कुछ नही लिखा था।
आँखो मे तेरी कुछ नही दिखा था।
वरना ये प्रेमजाल मुझको क्यूँ ग्रास बनाता।
काश पता होता मीठी बातों मे ना आता।
जीवन उत्साही था मेरे भी सपने थे।
माँ बाप बहन भाई मेरे भी अपने थे।
सब भुला दिया तेरे एक अधूरे प्यार ने।
काँटा समझ लिया मुझको मेरे परिवार ने।
मैं पागल एक टूटा तारा पकड़ रहा था।
एक दीवाना बाँहों मे छाया जकड़ रहा था।
सूरज चाँद सितारे सबने गीत मिलन के गाये थे।
जब पहली बार हमारे प्रीतम मिलने आये थे।
क्यूँ प्रीत शब्द की रीति बदल डाली।
प्रेम ग्रन्थ के पन्नों पर लिख दी गाली।
भोली भाली मासूम कली सी लगती थी।
फिर प्यार और व्यापार शब्द का कौसे संगम करती थी।
मजबूरी नही रही तेरी तूने मजबूर किया खुद को।
एक और चाँद की खातिर तारे से दूर किया खुद को।
मैं तारा नही चाँद ही हूँ सूरज सा चमकूगा।
तू बदल गयी अफसोस नही मै इतिहास बदल दूगा।
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