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उस पगली लड़की से नाता टूट रहा है।
लगता है दिल बन्धन से छूट रहा है।
मुश्किल होता है करके प्यार निभाना।
पर आसान नही बिन उसके रह पाना।
सोचा था मिलके साथ चलेगे इस जग मे।
सुख दुख मिलके साथ सहेंगे हर पग पे।
अब ये दिल रो रो के फूट रहा है।
उस पगली लड़की से नाता टूट रहा है।
नही चाहता था इक पल भी दूर रहूँ मैं।
बो पगली या मैं पागल अब किसे कहूँ मैं।
भूल हुयी जो उसको अपना माना था।
उस पगली को तो मुझे छोड़ के जाना था।
अब तो ये दिल इस जीवन से रूठ रहा है।
उस पगली लड़की से नाता टूट रहा है।
मै उस पर अपना अधिकार दिखाता चला गया।
हद से ज्यादा प्यार जताता चला गया।
पर भूल गया कि अपना रिश्ता कच्चा है।
झूठ समझ बैठा कि ये सब सच्चा है।
अब लगता ये जीवन कोई लूट रहा है।
उस पगली लड़की से नाता टूट रहा है।
उस पगली लड़की से नाता टूट रहा है।
अब ये दिल कभी प्यार मे ना रोयेगा।
कसमो बादों मे अब ना खोयेगा।
वो पगली खुश रहे यही बस एक दुआ है।
भूल जाऊँगा जो कुछ मेरे साथ हुआ है।
मैं ना उसका हो पाया पर झूँठ रहा।
उस पगली लड़की से नाता टूट रहा है।
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