true words
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जो तुमने मुझसे बोला उसपे विश्वाश नही आया।
जब मैंने दिल से सोंचा तुमको दूर नही पाया।
ये मेरा बचपन है या नादानी।
ये अधिक प्रेम है या दिल की शैतानी।
मैं सीख नही पाया क्यूँ तुम्हे भूलना।
मै देख नही पाया क्यूँ तेरे बिन सपना।
कैसे दिल को विश्वाश दिलाऊँ मै।
कैसे इसको समझाऊँ मै।
जो तेरा था बो कबका छोड़ गया है।
कोई नही तेरा तू अकेला रह गया है।
अब तू उसकी यादों मे ना खोया कर।
भूल गयी बो अब तू भी ना रोया कर।
पर ये पगला कभी नही मानेगा।
बो रहे जहाँ उसे अपना ही मानेगा।
मै इसको समझा के थक बैठा हूँ।
पर ये कहता मै यादों मे रहता हूँ।
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